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Sunday 3 May 2015

बजा होरन निकल फ़ौरन


Horn Please

महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर के ट्रकों के पीछे Horn OK Please लिखने पर बैन लगा दिया है। और अगर लिखा पाया गया तो ₹ 500/- जुर्माना, परमिट रद्द और फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट जारी नहीं होगा। बहुत बढ़िया फ़ैसला है। परिवहन विभाग का कहना है की Horn शब्द पढ़ कर होर्न बजाने की इच्छा जाग्रत हो जाती है ( जैसे # अगर दीवार पर लिखा हो की 'यहाँ मूतना मना है' वहीं लोगों को याद आ जाता है # या जहाँ लिखा हो की 'यहाँ कूड़ा फेंकना मना है' तो वहीं कूड़े का ढेर मिलेगा )। भोंपू या प्रेशर होरन ख़ास तौर पर ओवरटेक करते हुए ज़ोरों से लगातार बजाया जाता है कान फटने वाले हो जाते हैं।  पर यह बैन सफल तो तभी होगा जब सभी प्रदेशों में एक साथ लागू हो।


देश में ज़्यादातर वाहन चालकों को होर्न बजाने में बड़ा मजा आता है। इनमें छोटे वाहन भी शामिल हैं जिनके मालिक पुंगी, शहनाई या बाँसुरी बजाने का शौक़ रखते हैं। बड़ी बसों और बड़े ट्रकों के होर्न और भी ऊंची यानी ज़ोरदार आवाज वाले होते हैं। दिल्ली में तो सख़्ती होने के कारण प्रेशर होर्न कम बजाए जाते हैं परन्तु दिल्ली से बाहर निकलते ही तेज भोंपू सुनाई पड़ने लग जाते हैं। राजमार्गों पर धड़ल्ले से बजाए जा रहे हैं कोई रोकने वाला नहीं है। ज़्यादातर बसों और ट्रकों के पीछे भोंपू या होर्न के लिए नारे भी लिखे मिलेंगे। नमूने : 

बजा होरन निकल फौरन
होरन प्लीज,
आवाज दो,
Horn Please,
Awaz Do,
Blow Horn
Pukaro 

अब अगर ये शुरूआत हो ही गई है तो कुछ वर्षों में इन नारों का नाम इतिहास में ही मिलने वाला है। वैसे तो शोर मचाने के कारण और भी हैं मसलन दूल्हा, दोस्तों यारों का डाँस और बैंड बाजे के साथ सड़क पर जुलूस, पार्टी में रात बारह एक बजे तक जोरदार डी जे, और शोर मचाने वाली धार्मिक शोभा यात्रा वग़ैरा। बस ज़रा थाम्बा ! इन पर भी रोक लगाई जाए। 

होर्न प्लीज़ 
बजा होरन निकल फ़ौरन 



1 comment:

Harsh Wardhan Jog said...

http://jogharshwardhan.blogspot.com/2015/05/blog-post_3.html