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Saturday 19 September 2015

वाह पराँठा !

जिस दिन सुबह नाश्ते में पराँठा न मिले तो यूँ लगता है की किसी चीज़ की कमी रह गई है याने संतुष्टि नहीं होती । कुछ ऐसा लगता है की कोई रिक्त स्थान बिना भरे ही रह गया है । अब इस परांठे के बदलें में चाहे दूध-कोर्नफ्लेक हो या बटर-टोस्ट हो सब फ़ेल हैं मेरी नज़र में । मैं तो कहता हूँ की भई अपनी देसी खाने का जवाब नहीं ।

अपना फ़ंडा सीधा है -  'देसी खाओ और मौसमी खाओ' याने - eat local eat seasonal. अब अगर आप फिरंगियों के देश में हो तो फिर वहीं के नाश्ते का मज़ा लो फिर परांठा न ढूँढो मजा नहीं आएगा. 

अपने यहाँ मौसम का भी मिज़ाज बदलता रहता है गरमी, बरसात, सर्दी और वसंत । वैसे ही पराँठे में भी बदलाव आ जाता है क्यूँकि पराँठा रूप बदलने में और स्वाद बदलने में बड़ा ही सक्षम है । 

अब ये तो नहीं पता लग पाया की पराँठे का अविष्कार किसने किया  परन्तु जिसने भी किया उसे कोई बड़ा सा पुरस्कार ज़रूर मिला होगा । और अगर नहीं मिला तो इतिहासकार खोज करें तो उस बंदे को अब भी पुरस्कार दिया जा सकता है या फिर उसकी कोई मूर्ति स्थापित की जा सकती है । 

वैसे तो चाँदनी चौक दिल्ली में एक जगह है जिसका नाम है गली पराँठे वाली शायद पराँठे का जन्म वहीं हुआ हो । 

विकीपीडिया के अनुसार पराँठा शब्द का मूल शायद 'परात + आटा' रहा होगा । 

पराँठा अब तो लगभग सारे देश में ही फैल गया है । जहाँ चावल-भोजी ज़्यादा हैं वहाँ भी पराँठे की घुसपैठ हो चुकी है । अलग अलग जगह नाम जरूर बदलें हुए हैं जैसे की परांवठा, पराटा, परोटा, पोरोटा, पराठा, प्रोंठा । मॉरीशस में यह फराटा, बर्मा में पलाटा कहलाता है ।

पराँठे कई तरह के हो सकते हैं जैसे की सादा, लच्छेदार याने की कई परतों वाला, तवे का या तंदूरी । सादे हों या भरवाँ पराँठों के साथ सब्ज़ी, दही, मक्खन, सलाद, अचार, चटनी, छाछ, लस्सी, काफ़ी, दूध या चाय सभी का भी आनन्द लिया जा सकता है ।

और देखिये पराँठा वेज भी है और नोनवेज भी । अंडा-पराँठा और कीमा-पराँठा भी ख़ूब चल निकले हैं जनाब । 

अब सर्द मौसम को ही लो । गरमा गरम भरवाँ पराँठों की बहार आ जाती है । आलू-प्याज़, गोभी, मूली, पनीर, बेसन-प्याज़, पुदीने के पराँठों का कोई जवाब नहीं है । और इसके साथ हो दही, अचार और चाय तो बस वाह ! 
और भी कई तरह के स्वादों में बन सकते हैं पराँठे : 

- दाल-भरा पराँठा,
- करेला-भरा पराँठा,
- गुड़-घी-भरा पराँठा,
- बथुआ-भरा पराँठा,
- मेथी-भरा पराँठा,
- ज़ीरा / अजवाइन वाला पराँठा,
- प्याज़-लहसुन भरा परांठा वग़ैरह । 

और अब आप बताओ आपको कौन सा पराँठा पसंद है ?





2 comments:

Harsh Wardhan Jog said...

http://jogharshwardhan.blogspot.com/2014/05/blog-post.html

Anonymous said...

Superb 👍